अगरचे कामयाबी ने बड़ा मशहूर कर डाला |
मगर मुझको मेरे अपनों के दिल से दूर कर डाला ||
भरा ग़ुस्सा था जो दिल में उसे काफ़ूर कर डाला |
हमारे पास वो आये हमें मशकूर कर डाला ||
ज़माने को बदलने का इरादा जब किया जिसने |
उसी को ज़हर पीने को यहाँ मज्बूर कर डाला ||
चमकता था कभी अपना भी चेहरा चाँद की मानंद |
मगर बीमारियों ने कुछ उसे बेनूर कर डाला ||
तुम्हे लेकर सजा रक्खे थे हमने ख़ाब जो दिल में |
तुम्हारी बेरुख़ी ने सबको चकनाचूर कर डाला ||
मुझे ख़ुशहाल देखा तो पडौसी ने भी मेरे अब |
हसद में आ के अपने आपको गय्यूर कर डाला ||
किसी ने ज़िद में आ के मौत का पैग़ाम भेजा है |
हमारी सादगी देखो उसे मंज़ूर कर डाला ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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