Sunday, 12 February 2012

सीने में सौ दिल


सीने  में   सौ  दिल  हमारे  हो  नहीं  सकते |
हम  किसी के  हैं  तुम्हारे   हो  नहीं  सकते ||

है  हमेशा  लत  जिन्हें  उंगली  पकड़ने  की |
वो  किसी  के  भी  सहारे   हो  नहीं  सकते ||

ख़ुद को फैला ले समुंदर जितना  जी  चाहे |
दूर    पर  उससे   किनारे  हो  नहीं  सकते || 

घोले हैं जो ज़हर नफ़रत  का  फ़ज़ाओं  में | 
वो   ख़ुदा   के  तो   दुलारे  हो  नहीं  सकते ||

देख   लूँ   जी  भरके   उनको  आज  बेपर्दा |
रोज़   तो   एसे   नज़ारे   हो   नहीं   सकते || 

ये तो मुमकिन है फ़क़त हो आपकी ग़लती |
पर  ग़लत   भी  लोग सारे हो  नहीं  सकते ||

है  कहीं पर कुछ न कुछ तो दाल में काला |
पल  में  यूँ रोशन सितारे हो   नहीं  सकते || 

डा० सुरेन्द्र  सैनी 

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